नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ लोगों को भड़काने के आरोपी कट्टरपंथी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के अध्यक्ष परवेज और सचिव इलियास की गुरुवार को गिरफ्तारी हुई। दोनों को 7 दिन की पुलिस रिमांड में भेजा गया है। इलियास पर शाहीन बाग के लोगों को फंड मुहैया कराने का आरोप है। इसके अलावा उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हिंसा के दौरान हेड कॉन्स्टेबल रतनलाल की मौत के मामले में 7 लोग पकड़े गए। वहीं, आईबी कर्मचारी अंकित शर्मा की हत्या के मामले में 23 साल के आरोपी सलमान को गिरफ्तार कर लिया गया।
दिल्ली पुलिस के पीआरओ एमएस रंधावा ने बताया- दिल्ली में लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति सामान्य है। अधिकारी हालात पर नजर बनाए हुए हैं। अभी तक 712 एफआईआर दर्ज की गई हैं। 200 से ज्यादा आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। हमें कई वीडियो भी प्राप्त हुए। जांच के दौरान इनसे हमें काफी मदद मिलेगी।
पुलिस ने कहा- लोग खुद बयान देने आए
पीआरओ रंधावा ने बताया कि हम सभी फुटेज का विश्लेषण कर रहे हैं। फेस रिकॉग्निशन टेक्नोलॉजी से फुटेज में शामिल लोगों को पहचाना जा रहा है। कई लोगों ने खुद आकर अपने स्टेटमेंट दर्ज करवाए हैं। एसआईटी और लोकल पुलिस जांच कर रही है।
पहले भी पीएफआई के एक सदस्य की गिरफ्तारी हुई
इससे पहले, पुलिस ने पीएफआई के सदस्य को पूर्व दिल्ली में त्रिलोक पुरी से गिरफ्तार किया था, जिसकी पहचान मोहम्मद दानिश के रूप में हुई थी। इसके अलावा दिल्ली पुलिस की स्पेशल टीम ने रविवार को जामिया नगर इलाके से दंपत्ति को गिरफ्तार किया था। इन पर आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) खुरासान मॉडल के जुड़े होने के आरोप हैं।
शाह ने की थी दिल्ली पुलिस की तारीफ
बुधवार को लोकसभा में दिल्ली हिंसा पर हुई चर्चा में गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली हिंसा में पुलिस की भूमिका को लेकर कहा था,‘‘मैं दिल्ली पुलिस की प्रशंसा भी करना चाहता हूं और शाबाशी भी देना चाहता हूं, क्योंकि उन्होंने इसे पूरी दिल्ली में फैलने नहीं दिया। दिल्ली के 4% क्षेत्र और 13% आबादी तक हिंसा को सीमित रखने का काम दिल्ली पुलिस ने किया है। दिल्ली पुलिस ने 36 घंटे के अंदर दंगे को समेटा है।’’